शतरंज जिसे चेस भी कहते है, एक बहुत पुराना खेल है. चेसबोर्ड में 2 लोगों के द्वारा इस खेल को खेला जाता है, जिसे समझने के लिए अभ्यास की जरूरत होती है. चेस एक दिमाग वाला खेल है, जिसके खेलने से मानसिक व्यायाम होता है. मनुष्य के जीवन में खेल का बहुत अधिक महत्व है, ये हमारे जीवन में मनोरंजन का साधन होते है. मनोरंजन की आवश्कता हर उम्र के इन्सान को होती है, इससे शारीरिक कसरत के साथ मन का तनाव भी कम होता है. मनोरंजन के कई साधन है, खेल, टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल आदि. खेल भी इंडोर और आउटडोर होते है, जिसे अपनी पसंद के अनुसार चुना जा सकता है. मनोरंजन के आधुनिक साधन यहाँ पढ़ें.
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चेस खेलने के लिए कितने लोगों की आवश्यकता होती है ? | इसमें सिर्फ 2 लोगों की आवश्यकता है. |
चेस कौनसा गेम है इनडोर या आउटडोर ? | यह एक इनडोर गेम है. |
इसे खेलने के लिए कोई उम्र तय की गई है ? | इसे किसी भी उम्र के लोग खेल सकते हैं, लेकिन कुछ टूर्नामेंट्स में उम्र की बाध्यता होती है. |
चेसबोर्ड में कितने खाने होते हैं ? | 40 खाने होते हैं. |
चेस में कितनी गीटियां होती है ? | 32 गीटी होती है जिनमे 16 के अनुपात में बांटा जाता है. |
शतरंज की गीटियों के नाम ? | 8 प्यादे, 2 घोड़ा, 2 हाथी, 2 ऊंट, 1 रानी एंव 1 राजा. |
वर्गों की पहचान कैसे होती है ? | शतरंज में मौजूद वर्ग काले और सफ़ेद कलर के होते हैं. |
विश्व शतरंज चैंम्पियनशिप की शुरुआत कब हुई ? | 1886 में हुई थी. |
भारत का सर्वश्रेष्ट शंतरज ख़िलाड़ी का नाम | विश्वनाथन आनंद |
शंतरज टूर्नामेंट कितने समय का होता है ? | यह एक मिनट से छ: घंटे तक हो सकता है. |
विश्व शतरंज दिवस कब मनाया जाता है ? | 20 जुलाई को |
भारत के 66वें शतरंज ग्रैंडमास्टर कौन बने ? | जी आकाश |
विश्व शतरंज दिवस 2024 में 20 जुलाई को है ।
चेस एक इंडोर गेम है, जिसकी कोई उम्र सीमा नहीं होती है, लेकिन इसे एक समझदार व्यक्ति ही खेल सकता है. चेस खेलने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है, इसलिए इसे बड़े लोग महिला, पुरुष सभी खेलना पसंद करते है. चेस बहुत ही रोचक खेल है, जिसमें खेलने वाले के साथ साथ देखने वालों को भी बहुत मजा आता है.
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वैसे चेस खेल का इतिहास अच्छे से कही भी नहीं लिखा हुआ, लेकिन कहते है आज से लगभग 2000 साल पहले चेस के जैसा खेल लोग खेला करते थे. 280-550 में जब गुप्त साम्राज्य था, तब इस तरह के खेल की शुरुवात हुई थी. इसके बाद 1200 दशक के आसपास साउथ यूरोप में शतरंज के खेल की शुरुवात हुई, जिसमें 1475 के आस पास इस खेल में बड़े बदलाव किये गए, जिसे आज हम खेलते है. इस खेल को बदलाव के साथ स्पेन एवं इटली में अपनाया गया.
शतरंज खेल दो लोग एक दुसरे के विरोध में खेलते है. चेसबोर्ड में 64 खाने होते है, जो सफ़ेद, काले रंग के होता है. टोटल 32 गोटी (पीस) से ये गेम खेलते है, जिसमें हर एक खिलाड़ी के पास 16 पीस होते है. इसमें 16 सफ़ेद व् 16 काली गोटी होती है. हर एक टीम के पास 1 राजा, 1 रानी, 2 हाथी, 2 घोड़े, 2 ऊँठ एवं 8 प्यादे होते है. इस खेल का यही लक्ष्य होता है कि किस तरह सामने वाले खिलाड़ी को शह और मात (चेकमेट) दिया जा सके. शह और मात की स्थिती तब होती है, जब कोई राजा की जगह पर कब्ज़ा कर ले, और उस कब्जे से उसे कोई निकाल न सके.
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खेल की शुरुवात में सभी गोटियों को चेसबोर्ड में जमाया जाता है. इन गोटियों की सेटिंग हर बार खेल में एक जैसी ही होती है, इसमें कोई फेरबदल नहीं होता है. एक खिलाड़ी सफ़ेद गोटी लेता है, दूसरा काली. चेसबोर्ड ज़माने के लिए हाथियों को दोनों कोने में रखते है, फिर उसके बाजु वाले दोनों कोने में घोड़े रखते है, फिर उसके बाजु में दोनों साइड ऊँठ रखते है. फिर लेफ्ट साइड राजा और राईट साइड रानी रखते है. इनके सामने की लाइन में 8 प्यादे रखते है. जो भी सफ़ेद गोटी लेता है, वो पहले चलता है.
प्यादा | प्यादा | प्यादा | प्यादा | प्यादा | प्यादा | प्यादा | प्यादा |
हाथी | घोड़ा | ऊँठ | राजा | रानी | ऊँठ | घोड़ा | हाथी |
चेस में हर एक गोटी के चलने का अपना तरीका होता है, एक निश्चित स्थान एक निश्चित चाल पर ही ये चलते है. इसमें कोई भी गोटी किसी दूसरी गोटी के उपर से नहीं चली जा सकती है, अगर वो सामने वाले की है तो उसे मार दिया जाता है, लेकिन अगर ये खुद की है तो उसके उपर से गोटी नहीं चली जा सकती है.
प्यादे के पास एक स्पेशल अधिकार होता है. अगर ये चलते चलते बोर्ड के उस साइड पहुँच जाता है, तो चेस की दूसरी कोई भी गोटी बन जाती है, इसे प्रोमोशन कहते है.
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अगर राजा शह और मात से नहीं बच पाता तो वहीँ गेम ख़त्म हो जाता है.
चेस के रुल पता होने बावजूद ये खेल हर किसी को नहीं बनता है. यह खेल, खेलने के अभ्यास ये किसी को खेलते हुए देखकर आता है. शतरंज का खेल अब मोबाइल, कंप्यूटर में भी उपलब्ध है, जहाँ पर खेल को सीखा भी जा सकता है.
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Ans : शतरंज का खेल 2 लोगों के बीच में खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के पास 16 गोटियाँ होती हैं. इन गोटियों में 8 प्यादे, 2 घोडा, 2 हाथी, 2 ऊंट, 1 रानी एवं 1 राजा होते हैं. इसमें खेलने वाले व्यक्ति को सामने वाले व्यक्ति के राजा को मरना होता है.
Q : शतरंज के मूल नियम क्या है ?Ans : शतरंज के मूल नियम यह है कि इसमें चलने वाली गोटियों निर्धारित चाल चलती हैं. जैसे घोड़ा ढाई कदम चलता है, उंच तिरछा चलता है, हाथी सीधा चलता हैं. प्यादा घर से 2 कदम और आगे जाकर 1 कदम चलते हैं. जबकि मरते ये तिरछा हैं, इसके अलावा रानी सीधा, तिरछा कोई भी चाल चल सकती हैं. और राजा केवल एक कदम चलता हैं. भले ही वह कहीं पर भी हो.
Q : शतरंज खेलना कैसे शुरू कर सकते हैं ?Ans : शतरंज के खेल को खेलने की शुरुआत आप प्यादे को आगे बढ़ाकर कर सकते हैं.
Q : 2 मूव में शतरंज कैसे जीत सकते हैं ?Ans : यदि सामने वाला व्यक्ति राजा के सामने वाले प्यादे को 2 कदम आगे चलता हैं ओर अगले मूव में राजा के बाजू वाले ऊंट के सामने वाला प्यादा चलता हैं तो आप अपनी रानी से सीधे चेक एवं मेट कर सकते हैं.
Q : 3 मूव में शतरंज कैसे जीत सकते हैं ?Ans : पहली चांस में आप राजा के सामने वाले प्यादे को आगे चलने के बाद यदि सामने वाला व्यक्ति अपने राजा के बाजू वाले ऊंट के सामने वाला प्यादा चल देता हैं तो तीसरे मूव में आप अपनी रानी से सामने वाले राजा को चेक एवं मेट कर सकते हैं.
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